जिसके अंतर्गत कमजोर वर्ग के लिए सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती है
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम) 12 अप्रैल, 2005 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया था जिसके अंतर्गत ग्रामीण आबादी, विशेष रूप से कमजोर वर्ग के लिए सुलभ, सस्ती और गुणवत्ता स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती है, दिनांक 1 मई 2013 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपने निर्णय से राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के साथ-साथ राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (NUHM) को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), के एक उप-मिशन के रूप में प्रक्षेपण की मंजूरी दी है। एनआरएचएम ग्रामीण आबादी, विशेष रूप से कमजोर वर्ग के लिए न्यायसंगत, सस्ती और गुणवत्ता स्वास्थ्य सुविधाए प्रदान करना चाहता है। मिशन का जोर सफाई, शिक्षा, पोषण के रूप में स्वास्थ्य के निर्धारकों की एक विस्तृत श्रृंखला पर एक साथ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सभी स्तरों पर अंतर-क्षेत्रीय अभिसरण के साथ एक पूरी तरह कार्यात्मक, सामुदायिक स्वामित्व, विकेन्द्रीकृत स्वास्थ्य वितरण प्रणाली की स्थापना एवं सामाजिक और लैंगिक समानता है ।
मध्य प्रदेश राज्य में रहने वाले सभी ग्रामीण लोगों को न्यायसंगत सस्ती, जवाबदेह और प्रभावी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए, विशेष रूप से गरीब महिलाओं और बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए एवं उनके जीवन की गुणवत्ता को बढावा देने के लिए आवश्यक ज्ञान एवं कौशल प्रदाय करना एवं उन्हें एक स्वस्थ उत्पादक जीवन का नेतृत्व करने के लिए सक्षम बनाना है । इस प्रकार, राज्य के मुख्य रूप से दो घटक है प्रथम लोगो को स्वस्थ्य रखने हेतु ज्ञान एवं द्वितीय राज्य में रहने वाले लोगों को सशक्त बनाने हेतु आवश्यक कौशल प्रदान करना, मध्यप्रदेश राज्य ने भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भारत सरकार द्वारा अपनायी गयी द्रष्टि को अपनाया है जिसके अंतर्गत लोगो को स्वस्थ्य रखने हेतु राज्य भर में आवश्यक कौशल एवं ज्ञान प्रदाय किया जा रहा है एवं प्रदेश की ग्रामीण आबादी के लिए प्रभावशाली स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कर कमजोर बुनियादी ढांचे को मज़बूत किया जाना है एवं सबसे खराब प्रदर्शन वाले जिलों जैसे: डिंडोरी, दमोह, सीधी, बडवानी, अनुपपुर, छिंदवाडा, रीवा, बेतुल, रायसेन, सिवनी, छतरपुर, मोरेना एवं श्योपुर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है |